मच्छिंद्र बापू भिसे 9730491952 / 9545840063

'छात्र मेरे ईश्वर, ज्ञान मेरी पुष्पमाला, अर्पण हो छात्र के अंतरमन में, यही हो जीवन का खेल निराला'- मच्छिंद्र बापू भिसे,भिरडाचीवाडी, पो. भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा ४१५५१५ : 9730491952 : 9545840063 - "आपका सहृदय स्वागत हैं।"

■ खोज ■ (कविता) - मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'

■ खोज ■

(कविता)
कभी अंतस्थ गहराई में
गोते लगाता है मन;
और होता है चिंतन-मंथन
कि कौन हूँ मैं, और क्यों हूँ?
जवाब ढूँढ़ता रहता और
खाली ही लौट आता;
भाग-दौड़ भरी जिंदगी में,
उठा बोझ और थैला लिए
निकला हूँ फिर से
किसी और की खोज में!
और क्या! वे 'दो दाने' ही तो हैं;
बस! जिलाते है;
पल-पल मारने के लिए!
-०-
29 जनवरी 2025 सुबह: ०8.32 बजे
रचनाकार
● मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'● ©®
सातारा (महाराष्ट्र)
सेवार्थ निवास : शिक्षण सेवक, जिला परिषद हिंदी वरिष्ठ प्राथमिक पाठशाला, विचारपुर, जिला गोंदिया (महाराष्ट्र)
9730491952
-०-


1 comment:

  1. बेहतरीन सृजन। हार्दिक बधाई

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■ खोज ■ (कविता) - मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'

■ खोज ■ (कविता) कभी अंतस्थ गहराई में गोते लगाता है मन; और होता है चिंतन-मंथन कि कौन हूँ मैं, और क्यों हूँ? जवाब ढूँढ़ता रहता और खाली ही लौट ...

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