महाराष्ट्र राज्य क्रीड़ा एवं शिक्षा संचालनालय की ओर से समयानुसार पुनर्रचित पाठ्यपुस्तकें समय-समय पर अध्ययन- अध्यापन हेतु प्रकाशित की जाती हैं। नयी पाठ्यपुस्तकों का विस्तारित परिचय अध्यापक को होना याने अध्ययन-अध्यापन की प्रकिया सफल होने की दिशा में एक कदम होता हैं। आज का छात्र बदलती शिक्षा निति को स्वीकारते हुए आधुनिक तंत्रज्ञान के सहारे अपनी ज्ञान कक्षाएँ विस्तारित करने की चाह रखता हैं। इसकी यह भूख मिटने लिए अध्यापकों को उत्कृष्ट ज्ञान परोसने की निहायत आवश्यकता हैं। इसी हेतु बालभारती द्वारा एवं विभिन्न जिलों के विषय मंडल 'अध्यापक प्रशिक्षण' कार्यक्रम चलाकर अध्यापकों को नए ज्ञान से पूरी तरह से अवगत करने की कोशिश करते हैं।
'अध्यापक प्रशिक्षण' कार्यक्रम श्रृंखला के अंतर्गत मुझे (श्री. मच्छिंद्र बापू भिसे) भी अध्यापकों को विभाग, जिला एवं तहसील स्तर पर अध्यापकों को तज्ञ मार्गदर्शक के रूप में पाठ्यपुस्तकों को परिचित कराने का मौका मिला।
इसके अंतर्गत दिया योगदान इस प्रकार हैं।
राज्यस्तर शिक्षक प्रशिक्षण में उपस्थिति
शैक्षिक वर्ष २०१७-१८ में कक्षा ९वीं के लिए पुनर्रचित पाठ्यक्रम आया था। इस हेतु 'बालभारती' एवं महाराष्ट्र राज्य अध्यापक प्रशिक्षण संस्था की और से ३० जुलाई २०१७ के दिन एक दिवसीय राज्यस्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला पुणे में संपन्न हुई। इस अवसर पर सातारा, पुणे, औरंगाबाद, और अहमदनगर इन जिलों के हिंदी विषय अध्यापक उपस्थित थे। इस कार्यशाला में मुझे (श्री. मच्छिंद्र बापू भिसे) शामिल होने का मौका मिला। कक्षा ९वीं के पुनर्रचित हिंदी लोकभारती एवं लोकवाणी पाठ्यपुस्तकों का परिचय एवं मार्गदर्शन किया गया। तज्ञ मार्गदर्शक के रूप में डॉ. छाया पाटील जी और श्रीमती भारती श्रीवास्तव जी ने किया।
यहाँ उपस्थित सभी अध्यापकों को अपन-अपने जिले में जाकर अन्य अध्यापकों को मार्गदर्शन करने का तय हुआ।
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