मच्छिंद्र बापू भिसे 9730491952 / 9545840063

'छात्र मेरे ईश्वर, ज्ञान मेरी पुष्पमाला, अर्पण हो छात्र के अंतरमन में, यही हो जीवन का खेल निराला'- मच्छिंद्र बापू भिसे,भिरडाचीवाडी, पो. भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा ४१५५१५ : 9730491952 : 9545840063 - "आपका सहृदय स्वागत हैं।"

पितृ बरगद (कविता) - मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'


 ■ पितृ बरगद 

(कविता)

कल जो हम थे
वहीं आज भी हैं
बदला है तो बस 
समा औ समय।
हम तो वहीं हैं
उस बरगद के पेड़ से
फैलाते हुए टहनियाँ
और जड़ों की ओर 
बढ़ाते रेशमियाँ
जो नींव में ढलकर
नव बरगद हो जाएगी
नव शिशु बड़ कहेगी।
झूम उठेगा बरगद
देता जीवन को अर्थ
बढ़ा और बढ़ाता रहा
न किया जीवन व्यर्थ।
आँधियाँ थीं बहारें
बरस रही थीं अंगारे
पर थके कभी न हारे
बस चलता चला
सभी को बाँधे-
एक तान में
एक जान में
एक आन में
अभिमान में
कि रहेगा समा 
और मेरी जड़ें,
वहीं मुझे लिए
अपनी गोद में खड़े!
आश्वस्त होऊँगा
कि अब चलने को है
रहें न रहें हम यहाँ
फूल-सा महकने को है!
(एक बाप की अभिलाषा)
-०-



19 जनवरी 2022
रचनाकार:  मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत' ©® 
संपादक : सृजन महोत्सव पत्रिका,  सातारा (महाराष्ट्र)

संपर्क पता
● मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'  
संपादक : सृजन महोत्सव पत्रिका
भिरडाचीवाडी, डाक- भुईंज,  
तहसील- वाई, जिला- सातारा महाराष्ट्र
पिन- 415 515
मोबाइल: 9730491952
ईमेल: machhindra.3585@gmail.com
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