मच्छिंद्र बापू भिसे 9730491952 / 9545840063

'छात्र मेरे ईश्वर, ज्ञान मेरी पुष्पमाला, अर्पण हो छात्र के अंतरमन में, यही हो जीवन का खेल निराला'- मच्छिंद्र बापू भिसे,भिरडाचीवाडी, पो. भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा ४१५५१५ : 9730491952 : 9545840063 - "आपका सहृदय स्वागत हैं।"

■ नन्हीं कली की पुकार ■ (कविता) - मच्छिंद्र बापू भिसे



■ नन्हीं कली की पुकार 

(त्रिवेणी काव्य)

कलियों ने खिल-खिलाना छोड़ दिया है
सबब यह थी कि
माली ने खुद, उन्हें चुनना छोड़ दिया है।

खिलने से पहले ही सब कत्ल होने लगी
खबर यह है कि
भौंरों की लूट से, महकना छोड़ दिया है।

चाहा कभी खिलना तो सौ नजरें गढ़ गईं
शोर यह था कि
आबरू ने नजरों में, बसना छोड़ दिया है।

पौध पे खिली फिर बिखर गई और कहीं
जुर्म यह था कि
खिलने से पहले, दम तोड़ना छोड़ दिया है।

हम बिन आँगन सूना-सा, सूनी तेरी पूजा
यही माँगू दुहाई कि
खिलने दो, हमने स्वयं लूटाने छोड़ दिया है।
-०-
25 नवंबर 2021
रचनाकार:  मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत' ©® 
संपादक : सृजन महोत्सव पत्रिका,  सातारा (महाराष्ट्र)

संपर्क पता
● मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'  
संपादक : सृजन महोत्सव पत्रिका
भिरडाचीवाडी, डाक- भुईंज,  
तहसील- वाई, जिला- सातारा महाराष्ट्र
पिन- 415 515
मोबाइल: 9730491952
ईमेल: machhindra.3585@gmail.com
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