मच्छिंद्र बापू भिसे 9730491952 / 9545840063

'छात्र मेरे ईश्वर, ज्ञान मेरी पुष्पमाला, अर्पण हो छात्र के अंतरमन में, यही हो जीवन का खेल निराला'- मच्छिंद्र बापू भिसे,भिरडाचीवाडी, पो. भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा ४१५५१५ : 9730491952 : 9545840063 - "आपका सहृदय स्वागत हैं।"

गोरी खेलें होरी (कविता) - मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'

गोरी खेलें होरी

(कविता)

गाँव की गोरी खेलें होरी
देख अंबर भयो है लाल
बसंत भी संग खेलें होरी
प्रीत रंग से रंग गए गाल।

हँसी-ठिठोली में मगन आज
भूल गई वो नित के काज
माई आवै घुड़की भर जावै
अधर खिला मिटाती मलाल।

होरी में रंगी लाड़ो को देखे
धरती पर सरग आनंद लखे
सब खुशियों के रंग यहाँ
फीका भी लगे है गुलाल।

हर रंग से सजी है गोरी
रंग-अंग भी गाता लोरी
त्याग-समर्पण के रंग से
करती सबै मालामाल।

होरी के रंग में रंग गई छोरी
शील-विनय की भर पिचकारी
हर दिन घर में उत्सव भारी
बिटिया ही है सम के लाल।
-०-
28032021
रचनाकार:  मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत' ©® संपादक : सृजन महोत्सव पत्रिका,  सातारा (महाराष्ट्र)

संपर्क पता
● मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'  
संपादक : सृजन महोत्सव पत्रिका
भिरडाचीवाडी, डाक- भुईंज,  
तहसील- वाई, जिला- सातारा महाराष्ट्र
पिन- 415 515
मोबाइल: 9730491952
ईमेल: machhindra.3585@gmail.com
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