मच्छिंद्र बापू भिसे 9730491952 / 9545840063

'छात्र मेरे ईश्वर, ज्ञान मेरी पुष्पमाला, अर्पण हो छात्र के अंतरमन में, यही हो जीवन का खेल निराला'- मच्छिंद्र बापू भिसे,भिरडाचीवाडी, पो. भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा ४१५५१५ : 9730491952 : 9545840063 - "आपका सहृदय स्वागत हैं।"

तेरी बद्दुआएँ

तेरी बद्दुआएँ
             
कवि: मच्छिंद्र भिसे,
                (
सातारा, महाराष्ट्र)
अरे सुन प्यारे पगले,
देख तेरी बद्दुआएँ काम कर गईं,
पटकाना था जमीं पर हमें
यूँ आसमाँ पर बिठा गईं.

तेरी रंग बदलती सूरत ने
परेशान वारंवार किया,
यही रंगीन सूरत मुझे
हर बार सावधान कर गई.

आप एहसास चाहा जब भी
नफरत ही नफरत मिलीं,
न जाने कैसे तेरी यह नफरत
खुद को संजोए प्रीत बन गई.

छल-कपट की सौ बातें
इर्द-गिर्द घूमती रही,
तेरा बदनसीब ही समझू
जो उभरने का गीत बन गई.

तेरी हर एक बद्दुआ
मेरी ताकत बनती गई,
देनी चाही पीड़ा हमें
वह तो दर्द की दवा बन गई.

सुन, अभिशापन से काम न चला
आशीर्वचन का चल एक दीप जला,
आएगा जीवन में एक नया विहान
दीप की ज्योति बार-बार कह गई.
-
०-
०५ जुलाई २०१९
रचनाकार
श्री. मच्छिंद्र बापू भिसे
अध्यापक-कवि-सह संपादक
भिराडाचीवाडी, डाक भुईंज, तहसील वाई,
जिला सातारा – 415 515 (महाराष्ट्र)
संपर्क सूत्र: 9730491952 / 9545840063
साहित्यिक ब्लॉग: http://bhisesir3585.blogspot.com

शैक्षिक ब्लॉग: http://hinditeacherssatara.blogspot.com

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