मच्छिंद्र बापू भिसे 9730491952 / 9545840063

'छात्र मेरे ईश्वर, ज्ञान मेरी पुष्पमाला, अर्पण हो छात्र के अंतरमन में, यही हो जीवन का खेल निराला'- मच्छिंद्र बापू भिसे,भिरडाचीवाडी, पो. भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा ४१५५१५ : 9730491952 : 9545840063 - "आपका सहृदय स्वागत हैं।"

वचन सभ्यता (कविता) - मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'

वचन सभ्यता

वचनों की मिठास से,
मिटे मन के संत्रास,
रिश्तों की मीटीं दुरियाँ,
खिंचे आते अपने पास.

मीठे वचन की कमी
खलती रहे सभ्य जन,
जीवन बाग में बहती रहे,
मधुर वचन की पवन.

कुदरत की देन हमें,
सोच प्यार मधुर वचन,
पशु नहीं मानुष बन,
करेंगे इसका जतन.

मीठे वचन की सभ्यता,
भारत-भारती की न्यारी,
पालना रहा इसका यहाँ,
वचन सुधा-सी लगती प्यारी.

बुद्ध-कबीर-सूर कईंने दी,
अशिष्ट स्वरों को शिष्ट साँस,
जीवन मोक्ष पा जाएगा मनुज,
बुनें वाणी का मधुर प्रवास.
-0-
१३ अप्रैल २०१९
रचनाकार
मच्छिंद्र भिसे (अध्यापक)
सदस्यहिंदी अध्यापक मंडल सातारा
भिरडाचीवाडीपो.भुईंजतह.वाई,
जिला-सातारा 415  515  (महाराष्ट्र )
संपर्क सूत्र  ; 9730491952 / 9545840063 
****

No comments:

Post a Comment

■ देशवासियों के नाम हिंदी की पाती ■

  ■ देशवासियों के नाम हिंदी की पाती  ■ (पत्रलेखन) मेरे देशवासियों, सभी का अभिनंदन! सभी को अभिवादन!       आप सभी को मैं-  तू, तुम या आप कहूँ?...

आपकी भेट संख्या