🌹वतन-ए-फ़र्ज🌹
साथ हम भी चलें साथ तुम भी चलो,
हिंद के सपूत हो वतन-ए-फ़र्ज निभाते चलो,
कर्ज इस धरा के चुकाने हैं हम सब को आज,
कदम से कदम दिल से दिल मिलाकर चलो.
खिलते रहे गुल-ए-गुलशन में हर पल,
खुशबू हर प्यार की हर एक साँस में भरो,
रहे आब़ाद जश्न और फ़िजा के रंग आज,
हर साँस, नस-नस में विश्वास पिरोते चलो.
चाह दिल में रहे हम सभी जन एक हो,
मिटा न सके कोई हम सभी जान एक हो,
सूरतें चाहे हो हजार-ए-इन्सान आज,
भारत-भारती के दिल की धड़कन बनाते चलो.
मिटे भरम मजहबी सब मजहब एक हो,
'जन-गण-मन' गान हर दिलप्रीत एक हो,
भारत जननी के रखवाले हम सब आज,
निज खून धरा के लिए उर्वरक डालते चलो.
रचनाकार,
मच्छिंद्र भिसे,
भुईंज, सातारा (महाराष्ट्र)
9730491952 / 9545840063
🙏🏻💐🙏🏻💐🙏🏻💐
२६ जनवरी २०१९
साथ हम भी चलें साथ तुम भी चलो,
हिंद के सपूत हो वतन-ए-फ़र्ज निभाते चलो,
कर्ज इस धरा के चुकाने हैं हम सब को आज,
कदम से कदम दिल से दिल मिलाकर चलो.
खिलते रहे गुल-ए-गुलशन में हर पल,
खुशबू हर प्यार की हर एक साँस में भरो,
रहे आब़ाद जश्न और फ़िजा के रंग आज,
हर साँस, नस-नस में विश्वास पिरोते चलो.
चाह दिल में रहे हम सभी जन एक हो,
मिटा न सके कोई हम सभी जान एक हो,
सूरतें चाहे हो हजार-ए-इन्सान आज,
भारत-भारती के दिल की धड़कन बनाते चलो.
मिटे भरम मजहबी सब मजहब एक हो,
'जन-गण-मन' गान हर दिलप्रीत एक हो,
भारत जननी के रखवाले हम सब आज,
निज खून धरा के लिए उर्वरक डालते चलो.
रचनाकार,
मच्छिंद्र भिसे,
भुईंज, सातारा (महाराष्ट्र)
9730491952 / 9545840063
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२६ जनवरी २०१९
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