दीपावली के पवन पर्व की मंगलकामनाएँ
पावन मन में दीप जलाए
मन में लेकर नई उमंग,
रिश्तों में भरने मधुर तरंग
आई दीवाली लेकर प्यारे नवरंग
चलो मनाए खुशियाँ, हम सबके संग।
धन तेरस के रंग है अनेक,
संतोष मिले हमें, कार्य हो सबसे नेक,
अपना-पराया कोई नहीं अन्य,
परोपकार की राह पाए, जीवन हो धन्य।
हर विपदा टले सुख स्वर्ग-सा मिले,
दोख़ज़ हरे सत्य दीप राह नित चले,
प्यार लेकर आए हम, तम की जले होली,
खुशियों का उजियाला, फैलाती दीवाली ।
धन-धान की पूजा से संपन्न लक्ष्मीपूजन,
माँ शारदे का भी हो मन में हरपल जतन,
दीप जलेंगे और उजियारा फैले सघन,
मानव हीत में दीप जले, आप हो पावन।
अच्छे कर्मो से भरती रहे आपकी झोली,
कुल कोई भी हो बताए दानवीर बलि,
बलि पूजा के दीप से सजी बलि प्रतिपदा,
आओ मिलकर डटे रहे, हो कोई आपदा।
भाईदूज दीप का उजियारा न्यारा,
भाई-बहन का रिश्ता कृष्ण द्रौपदी-सा प्यारा,
हर बहन की रक्षा ही तीरथ हो हमारा,
चलो दीप जलाए ऐसे फैलाए भाईचारा।
चलो विश्वास की लौ हर मन में जलाए,
रोशन घर-घर रिश्तों के आँगन खिलाए,
महके दिलों के हर प्रसून खुशबू है निराली,
रिश्तों में मिठास भरने आए, फिर-फिर दीवाली।
नवकवि- मच्छिंद्र भिसे (सातारा)
उपशिक्षक
सदस्य, हिंदी अध्यापक मंडल सातारा
भिरडाचीवाडी, पो.भुईंज, तह.वाई,
जिला-सातारा 415 515 (महाराष्ट्र )
संपर्क सूत्र ; 9730491952
9545840063
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