मच्छिंद्र बापू भिसे 9730491952 / 9545840063

'छात्र मेरे ईश्वर, ज्ञान मेरी पुष्पमाला, अर्पण हो छात्र के अंतरमन में, यही हो जीवन का खेल निराला'- मच्छिंद्र बापू भिसे,भिरडाचीवाडी, पो. भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा ४१५५१५ : 9730491952 : 9545840063 - "आपका सहृदय स्वागत हैं।"

चाहत... (गजल) - मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'

चाहत...
(सजल)
बढ़ाने हर कदम, आप साया की चाहत रखता हूँ,
डगमगे पाँव कभी, आप दिशा की चाहत रखता हूँ 

हमसफ़र मिलें, बिछड़े और मिलेंगे कितने ही,
राहें रहे न रहे, आप सफ़र की चाहत रखता हूँ।

काँटों भरी राहों पर, आँखों से बूँद न छलकेगी,
जख्म भरेंगे पल में, दुलार की चाहत रखता हूँ।

जीवन बहुत छोटा, कहते और करते हैं छोटा, 
छोटा ही सही, आप संग बड़े की चाहत रखता हूँ।

हर पल सबके साथ रहूँ, गुंजाईश इसकी होगी नहीं,
ढल जाऊँ क्षितिज पर कभी, अरुणाई की चाहत रखता हूँ।

ऐ खुदा, आबाद रखना मेरे यारों के गलियारों को,
लंबी उम्र दे उनको, अपनी घटाने की चाहत रखता हूँ।

रिश्तों का वजूद, चाहे पल दो पल का क्यों न हो,
‘मंजीते’ पलभर की उम्र, ताउम्र जीने की चाहत रखता हूँ।
-०-
● मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'●
सातारा (महाराष्ट्र)
संपादक
सृजन महोत्सव पत्रिका
मोबाइल: 9730491952
ईमेल: machhindra.3585@gmail.com
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