मच्छिंद्र बापू भिसे 9730491952 / 9545840063

'छात्र मेरे ईश्वर, ज्ञान मेरी पुष्पमाला, अर्पण हो छात्र के अंतरमन में, यही हो जीवन का खेल निराला'- मच्छिंद्र बापू भिसे,भिरडाचीवाडी, पो. भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा ४१५५१५ : 9730491952 : 9545840063 - "आपका सहृदय स्वागत हैं।"

पहचान लिख रहा हूँ (कविता) - मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'


पहचान लिख रहा हूँ
(कविता)
स्याही सूख जाएगी
या गल जाएगा कागज
बिना सोच, समझ लिख रहा हूँ
पुन: पुन: मिटा रहा हूँ
अपनी कहानी सजा रहा हूँ।

आएगा कोई पढ़ेगा मुझे
कागजों पर उभर रहा हूँ
उम्मीद से कुछ बोल रहा हूँ
कुछ पन्ने खोल रहा हूँ
आप सम्मुख बिखर रहा हूँ।

दिल का पट खोल रहा हूँ
कभी करूणा कभी रूद्र का
मन तांडव उभर रहा हूँ
ज्वालभरा या खारा समुंदर
मनुज बन सँवार रहा हूँ।

किसी के काम आए वह
रास का कथन बुन रहा हूँ
पन्ने नहीं तो उपहास ही सही
चेहरे मुस्कान खिला रहा हूँ
अनपढ़े पन्ने पुन: खोल रहा हूँ।

होगी इक दिन कहानी पूरी
देखेगी, पढ़ेगी दुनिया सारी
जानी-पहचानी बाणी लिख रहा हूँ
आप अनुज की पहचान लिख रहा हूँ ।
-०- 
(रास-कोलाहल)
-0-
● मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'●
सातारा (महाराष्ट्र)
संपादक
सृजन महोत्सव पत्रिका
मोबाइल: 9730491952
ईमेल: machhindra.3585@gmail.com
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