मच्छिंद्र बापू भिसे 9730491952 / 9545840063

'छात्र मेरे ईश्वर, ज्ञान मेरी पुष्पमाला, अर्पण हो छात्र के अंतरमन में, यही हो जीवन का खेल निराला'- मच्छिंद्र बापू भिसे,भिरडाचीवाडी, पो. भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा ४१५५१५ : 9730491952 : 9545840063 - "आपका सहृदय स्वागत हैं।"

नेपथ्य से (कविता) - मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'

नेपथ्य से
(कविता)
जीवन नहीं सजा करता है
बिना कँटीलें-बीहड़ पथ से,
राग-अनुराग यूँ ही नहीं छिड़ा करता,
बगैर हौसले और नेक इरादे नेपथ्य से.

जनम मिला खुशी पाईं औरों ने,
खुद से लड़ना है कही बात गैरों ने,
हाँ! हाँ! खुशियाँ यूँ ही मुफ़्त नहीं मिलती,
बगैर खुद जिंदादिली शिकस्त खाने से.

जीवन पथ सच्चाई का लगा कठिन बड़ा,
चारों ओर से नौंचता तूफ़ान होता रहा खड़ा,
उफ़! समझा मंजिल यूँ ही सहज नहीं मिलतीं,
बगैर कड़ा परिश्रम-पसीना बहाने से.

मन में भर विश्वास और चाल हो नेक,
चल पड़े गर्द झाड़े मिलेगी मंजिल देख,
अरे! प्यार जमाने से यूँ ही नहीं मिलता,
बगैर बेवफाई के साथ वफाई से.

सच कहूँ मेरे प्यारों, जीवन अपना अकेला,
खुद ही उभरा या दिया कहीं धकेला,
प्यासे मन की तृष्णा यूँ ही नहीं मिट पाती,
बगैर औरों की तृष्णा मिटाने से,
और.........
उम्र नहीं ढलती कभी अनुजों को अग्रज बनाने से.
-0-
(१५ मार्च २०१९)
रचनाकार
मच्छिंद्र भिसे (अध्यापक)
सदस्यहिंदी अध्यापक मंडल सातारा
भिरडाचीवाडीपो.भुईंज, तह.वाई,
जिला-सातारा 415  515  (महाराष्ट्र )
संपर्क सूत्र  ; 9730491952 / 9545840063 
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