मच्छिंद्र बापू भिसे 9730491952 / 9545840063

'छात्र मेरे ईश्वर, ज्ञान मेरी पुष्पमाला, अर्पण हो छात्र के अंतरमन में, यही हो जीवन का खेल निराला'- मच्छिंद्र बापू भिसे,भिरडाचीवाडी, पो. भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा ४१५५१५ : 9730491952 : 9545840063 - "आपका सहृदय स्वागत हैं।"

वृक्ष ! (कविता) - मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'

 वृक्ष !

(कविता)

हे वृक्ष!
कितना सहते हो
शीत, घाम और मेह
उठते हो ऊपर और ऊपर!
पानी की तलाश में
चुपचाप अंदर ही अंदर
रिस जाते गहरी जमीं में
पाते हो पानी का भँवर!
और लद जाते हो
पर्ण, फूल और फलों से
भर देते हो गंध हवा में
और खोते स्वांत सुखाय में!
पर, मनुष्य आता, छाँव लेता
फूलों की खुशबू लिए
फलों को चखता, डकारता!
और, चलाता है कुल्हाड़ी
तेरे तन पर कृतघ्न बन
कट जाते तेरे बंधू जन
फिर भी तू है मौन!
क्योंकि, तुझे पता है
ज़र-ज़र मर जाएगा
वो न तुझे बोएगा
तू निशब्द अमरत्व पाएगा।
हे इन्सान!
अब तो कुछ शर्म कर
दो पौधों का उपकार तो कर!
-०-
रचनाकार:  मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत' ©® संपादक : सृजन महोत्सव पत्रिका,  सातारा (महाराष्ट्र)

संपर्क पता
● मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'  
संपादक : सृजन महोत्सव पत्रिका
भिरडाचीवाडी, डाक- भुईंज,  
तहसील- वाई, जिला- सातारा महाराष्ट्र
पिन- 415 515
मोबाइल: 9730491952
ईमेल: machhindra.3585@gmail.com
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