महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिति मंडल, पुणे (बालभारती) संस्था महाराष्ट्र राज्य के लिए पाठ्यपुस्तक निर्माण में बहुत बड़ा योगदान देती हैं। महाराष्ट्र राज्य की शैक्षिक स्तर बढ़ाने हेतु समय-समय पर छात्रों की आयु, बौद्धिक, शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक स्तर को ध्यान में रखते हुए पाठ्यपुस्तकों में बदलाव करती आ रही हैं। जिसके फलस्वरूप महाराष्ट्र राज्य शैक्षिक स्तर दिनोंदिन बढ़ता हुआ नजर आ रहा हैं।
बदलती हुई शिक्षा नीति एवं ज्ञानरचावाद के अनुसार बालभारती द्वारा शैक्षिक वर्ष २०१८-१९ में कक्षा ८वीं एवं १०वीं की पाठ्यपुस्तकें निर्माण करने का तय हुआ। इस उपलक्ष्य में २३ अक्टूबर से २५ अक्टूबर २०१७ के बीच ३ दिवसीय समीक्षण सत्र का आयोजन 'बालभारती' के हिंदी विभाग में किया गया था। इस समय महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों से हिंदी विषय अध्यापकों को समीक्षण सत्र के लिए निमंत्रित किया गया था। इस समीक्षण सत्र के लिए मुझे (श्री.मच्छिंद्र बापू भिसे) भी निमंत्रित किया था। इस समीक्षण सत्र के लिए निर्धारित स्थल एवं तारीख पर उपस्थित रहा।
समीक्षण के दौरान कक्षा १० वीं कुमारभारती (प्रथम भाषा), लोकभारती (द्वितीय भाषा) एवं लोकवाणी (संयुक्त भाषा) के पाठ्यपुस्तकों को लेकर समीक्षण कार्य संपन्न हुआ। इस समय बालभारती के हिंदी विभाग की निमंत्रक डॉ. अलका पोतदार जी के मार्गदर्शन में यह कार्य सुचारु ढंग से संपन्न हुआ।
इस समीक्षण सत्र का उपस्थिति प्रमाणपत्र संलग्न हैं।
शैक्षिक वर्ष २०१८-१९ में ही कक्षा ८वीं का भी पूनर्रचित पाठ्यक्रम आनेवाला है। इस पाठ्यक्रम में हिंदी पाठ्यपुस्तक की समीक्षा के लिए पुनः निमंत्रित किया गया यह समीक्षण सत्र ६ दिसंबर २०१७ और ७ दिसंबर २०१७ के दिन संपन्न हुआ। इस समय प्रथम भाषा लिए सुगमभारती एवं द्वितीय भाषा के लिए सुलभभारती पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा की गई की गई।
इस समीक्षण सत्र का उपस्थिति प्रमाणपत्र संलग्न हैं।
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