मच्छिंद्र बापू भिसे 9730491952 / 9545840063

'छात्र मेरे ईश्वर, ज्ञान मेरी पुष्पमाला, अर्पण हो छात्र के अंतरमन में, यही हो जीवन का खेल निराला'- मच्छिंद्र बापू भिसे,भिरडाचीवाडी, पो. भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा ४१५५१५ : 9730491952 : 9545840063 - "आपका सहृदय स्वागत हैं।"

मेरी काव्य रचना : प्रभात समयी (कविता) - मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'

कुहरा छू जाने से,
तरोताजगी जगने लगी,
सूरज की किरणों से,
ओंस भी खिलने लगी,
रोशनदान से सुबह की,
महक बिखरने लगी,
गंधित-सुगंधित मन को
मुस्कराते सुबह जगाने लगी।

सूरज की पहली किरण को,
देख कलियाँ मुस्कराई,
खिली-खिली वसुंधरा देख,
कोयल ने है प्रहरियाँ गाईं,
हो गई सुमधुर-पल्लवित,
प्रभात प्यार ले आई,
जीवन गीत-संगीत से महकाने,
जीवन गान प्रभाती आई।

शीत सुबह में बहता पवन,
देता रहा प्यार की पहचान,
लेकर आया साथ में,
नई सुबह का मेहमान,
सूरज चाचू ने आते ही,
स्वीकार किया सबका प्रणाम,
दिए सौ-सौ आशिष सबको,
हो जीवन में खुशियों का नया विहान। 

चिडियों ने आँगन में आ,
मचाया कितना शोर,
मीठी-मीठी बोली से,
बतिया रही हो गई है भोर,
निकालो रजाई देखो आँगन में,
सुबह ने  है खुशियाँ लाईं,
चीं-चीं चिडिया रानी,
करने स्वागत आपके लिए है आईं। 

रचना - मच्छिंद्र भिसे, सातारा (महाराष्ट्र)
९७३०४९१९५२ / ९५४५८४००६३ 

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