मच्छिंद्र बापू भिसे 9730491952 / 9545840063

'छात्र मेरे ईश्वर, ज्ञान मेरी पुष्पमाला, अर्पण हो छात्र के अंतरमन में, यही हो जीवन का खेल निराला'- मच्छिंद्र बापू भिसे,भिरडाचीवाडी, पो. भुईंज, तहसील वाई, जिला सातारा ४१५५१५ : 9730491952 : 9545840063 - "आपका सहृदय स्वागत हैं।"

■ बस! गुरू चरणन में ■

■ बस! गुरू चरणन में 

(कविता)

गुरू चरण हैं सदा-सर्वदा
अपने तन-मन-धन में,
ऊँची उड़ान भर ले जहाँ में
सुखस्वर्ग, बस! गुरू चरणन में।

गुरु की चाह शिष्य भला
डग-मग पाँव सँवारे हैं,
राह भूले शिष्य कभी जो
संगी बन राह दिखाए हैं।
नवजीवन मिले यहाँ पर
आ जाओ, बस! गुरु चरणन में।

गुरू की थाती समुंदर जैसी
जो चाहे हम डुबकी लगाए,
नवज्ञान के मोती भरे इनमें
जी चाहे जो-जो वो पाए।
नवरत्नों की खान पाओ
आए जा, बस! गुरु चरणन में।

जो क्षम है गुरुधाम में मेरे
औरों पर ही लुटाते हैं,
गुरू नित है सुधानिर्झर
सबके हित में बहते हैं
अमरत्व कहाँ खोजे रे, बंदे!
पाएगा तू, बस! गुरू चरणन में।

गुरु बिन कैसे होवे विहान
बिन गुरू के कहाँ वितान,
शास्त्र-पुराण भी यही बताते
गुरू से ही हैं राम और श्याम।
गुरुमहिमा तू जान 'मंजीते'
लीन रहे, बस! गुरू चरणन में।
-०-
21072024
रचनाकार
● मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'● ©®
सातारा (महाराष्ट्र)
सेवार्थ निवास : शिक्षण सेवक, जिला परिषद हिंदी वरिष्ठ प्राथमिक पाठशाला, विचारपुर, जिला गोंदिया (महाराष्ट्र)
9730491952
-०-


■ मैं महुआ चुनती हूँ ■

■ मैं महुआ चुनती हूँ 

(कविता)

हाँ, मैं महुआ चुनती हूँ
गलत न समझना मुझे
किसी के सामने हाथ न फैलाती हूँ
हाँ, मैं महुआ चुनती हूँ।

मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता इससे
कि वे कहाँ बिकते हैं, कहाँ ढलते हैं
पता नहीं इससे बनती है दवा या दारू
बेचने से मिले सिक्कों से बच्चों को पढ़ाती हूँ
हाँ, मैं महुआ चुनती हूँ।

सोचती हूँ कि कुछ और रुपए जोड़ लूँ
आने वाली बरसात के लिए छत सँवार लूँ
पानी के वक्त महुआ कहाँ मिल पाती है
बदहोश हो आज उसकी खोज करती हूँ 
हाँ, मैं महुआ चुनती हूँ।

किसी ने कहा तुम नशा चुनती हो
कभी झोंपड़ी में आकर देखो बाबू
जब चूल्हा न जला हो और पेट खाली हो
वे गिलास में उँडेलते, मैं टोकरी में भरती हूँ
हाँ, महुआ चुनती हूँ। 

अनपढ़-गँवार मानकर शहरों ने ठुकरा दिया
बन पतझर में उपजे कुदरत ने करीब किया
उम्मीद क्या करूँ उनसे जो खुद टूट गए
मेरे अपने टूटे महुआ के फूल है उन्हें ही चुनती हूँ।
कुदरत का खजाना है महुआ मेरा
हाँ, मैं उसे ही चुनती हूँ। 
-०-
रचनाकार
● मच्छिंद्र बापू भिसे 'मंजीत'● ©®
सातारा (महाराष्ट्र)
सेवार्थ निवास : शिक्षण सेवक, जिला परिषद हिंदी वरिष्ठ प्राथमिक पाठशाला, विचारपुर, जिला गोंदिया (महाराष्ट्र)
9730491952

27052024
-०-


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